भगत सिंह जी ने पिस्तौल की गोलियाँ निकाल कर टेबल पर रख दी जोर जोर से हसने लगे , बोले देखों सुखदेव राजगुरु हमारे वतन के हालत तो देखो जरा क्या तुम दोनों भी वही सोच रहे हो जो मैं सोच रहा हूँ हमारे सपनों के आजाद भारत का चित्र तो जल कर खाक सा हो पड़ा है हर रोज कोई ना कोई उसको रोंदते जाता है हम जिस एकता के लिए लड़े मिटे कुर्बान हो गए वह तो आज खंडित नजर आ रही है वही जात पात भेदभाव अपनी चरम सीमा पर है हमारा लाहौर जहाँ हम पढ़े लिखे लालाजी जहाँ शहादत हुई वह अब दूसरा मुल्क हो गया कितनी शर्म की बात है कुर्सी पाने की चाह ने हमारे वतन इ हिन्द को दो भागों मे विभाजित कर दिया। ... तभी सुखदेव बोले भगत यह तो कुछ नहीं है कही भाषा की आग है कही क्षेत्रवाद की बहुत कुछ जल के राख हो चुका है नेता बढ़ते जा रहे है समसयाओ का समाधान नहीं हो रहा है तभी भगत सिंह पुनः पिस्तौल मे गोलियां भरना शुरू करते है राजगुरु उनको र...
वाह क्या बात है अघोरी बाबा 💐💐
ReplyDeleteवाह क्या बात है अघोरी बाबा 💐💐
ReplyDeleteWaah Bahut Aacha li kha hai bhai
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