राजनीती के चश्मे को उतार कर तो देखो बाबू सरयू सुनाती अवध की स्वभिमानी कहानी जहाँ दिल दिल में बस्ते श्री राम है , घर घर श्री राम के धुनि रमाये दीवाने जिनकी मेहनत को करे दुनिया प्रणाम अंधियारे को गुम करती ...
मै अघोर हूँ किस्से कहानिया सुनता हूँ मन हो तो कुछ लिख देता हूँ